इस देश की ये वाकई बेहद शर्मनाक तस्वीर है, सारी की सारी सरकारी योजनाएं धरातल पर धरी की धरी रह जाती हैं। कहने को तो डॉक्टर भगवान का रूप होता है लेकिन इस बुजुर्ग दंपति के लिए अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों का दिल ज़रा भी नहीं पसीज़ा। इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और जानें कैसे यह बुजुर्ग व्यक्ति अपनी पत्नी के इलाज़ के लिए इनके सामने हाथ फैलाकर सिसक-सिसक कर रो रहा है। इसकी फ़रियाद को कोई सुनने वाला नहीं यहां, बीमार पत्नी 6-7 दिनों सेे तड़प रही लेकिन अस्पताल और डॉक्टरों को ज़रा भी तरस नहीं आया इस बुजुर्ग दंपति और उसकी बीमार पत्नी पर।
देश में राजनीतिक दल ज़मीनी हकीकत को छुपाने के लिए फर्जी आंकड़ों का सहारा लेते हैं और जनता के सामने अपनी वाहवाही दिखाने के लिए प्रशासन की फ़जीहत करा देते हैं। वो कैसे आइए हम आपको आगे बताते हैं। देश और राज्यों में सरकार द्वारा कई तरह की लुभावनी योजनाएं लागू की जाती हैं। क्या वाकई ज़मीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंद लोगों को मिल पाता है ? अगर ऐसा होता तो जिस हकीकत को मैं आपके सामने बयां करने जा रहा हूं वह हकीकत आपको झकझोर कर रख देगी।
राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं यह बुजुर्ग दंपति, बीमार पत्नी का इलाज़ कराने की उम्मीद लेकर बुजुर्ग जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल पहुंचे थे। वहां पहुंचने के बाद कुछ ऐसा हुआ, जिसका इस बुजुर्ग दंपति को एहसास भी नहीं होगा कि अस्पताल में तैनात एक गार्ड उन्हें अस्पताल से यूं ही धक्का मारकर बाहर निकाल देगा। वाकई इस देश के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है।
उन्हें क्या पता था कि सरकार की बनाई गई योजना उनके लिए है ही नहीं, अगर ऐसा होता तो यह बुजुर्ग दंपति दर व दर अपनी बीमार पत्नी को लेकर यूं ही नहीं भटकता रहता। राजस्थान के जयपुर जैसे शहर में ही गरीब आदमी को इलाज़ के लिए तरसना पड़ रहा है और राजस्थान सरकार सो रही है। तो आप ही सोचिये कि देश के बाकीं हिस्सों का क्या हाल होगा, इसकी तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
अब हम आपको बताते हैं कि किस योजना की उम्मीद लेकर यह बुजुर्ग दंपति अस्पताल पहुंचे थे, किंतु उन्हें योजना का लाभ तो नहीं मिला पर योजना के नाम पर धक्के और शर्मिंदगी का सामना जरूर करना पड़ा।
भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना, जिसकी घोषणा आम बजट 2018 में भारत के माननीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई थी। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा देश के 10 करोड़ गरीब परिवार और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को मिलना था लेकिन इस सत्य को देखने के बाद लगता है कि 10 करोड़ तो छोड़िये 10 लोगों को ही मिल जाए तो यही गनीमत होगी।
अब आप स्वयं पढ़ लीजिये कि आयुष्मान भारत योजना से क्या लाभ मिलना था
सरकार के अनुसार इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बेहतर इलाज सुविधा देना हैं, जो कि महँगी स्वास्थ्य सेवाओं को न लेने की वजह से मौत का शिकार हो जाया करते थे। इस योजना के तहत पहले सरकार का 1 लाख रूपए तक की मदद करने वाली थी लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया।
अब आप स्वयं ही फैसला कीजिए कि सरकार की ऐसी योजनाओं का क्या फ़ायदा जिससे धरातल पर नागरिक इसका लाभ ही न ले पाएं, इस देश में योजनाएं तो लाखों हैं पर इसका लाभ कितनों को सही समय पर और सही तरीके से मिलता है ?
bhanda fod diya
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